पंढरपुर में यातायात भीड़ प्रबंधन के लिए एआई प्रौद्योगिकी का परीक्षण किया गया

पंढरपुर में यातायात भीड़ प्रबंधन के लिए एआई प्रौद्योगिकी का परीक्षण किया गया

पंढरपुर महाराष्ट्र -- अनन्त कुलकर्णी 

वार्री में भीड़ प्रबंधन एआई तकनीक के जरिए किया जाएगा
*पंढरपुर में यातायात भीड़ प्रबंधन के लिए एआई प्रौद्योगिकी का परीक्षण किया गया
*एआई तकनीक भीड़ और भीड़ के घनत्व को माप सकती है
*एक। वारी काल के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए।

एआई प्रौद्योगिकी का उपयोग
 पंढरपुर महाराष्ट्र का सबसे अधिक पूजित देवता है और लाखों भक्तों का पूजा स्थल है। श्री विठ्ठल-रुक्मिणी के दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों भक्त पंढरपुर आते हैं। इसके अलावा, आषाढ़ी, कार्तिकी, चैत्री और माघी की चार प्रमुख तीर्थयात्राओं के लिए लाखों भक्त पंधारी आते हैं। इस यात्रा के दौरान, बड़ी संख्या में वारकरी भक्त पंढरपुर शहर में, मुख्य रूप से चंद्रभागा रेगिस्तान, नदी बेसिन, भक्ति सागर क्षेत्र, मंदिर क्षेत्र, दर्शन कतार, प्रदक्षिणा मार्ग और शहर की सड़कों पर उमड़ते हैं।  इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का उपयोग किया जाएगा और आज पंढरपुर बस स्टैंड पर एआई तकनीक के उपयोग का परीक्षण किया गया।

 

वारी में भीड़ प्रबंधन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एआई तकनीक का परीक्षण आज पंढरपुर के बस स्टैंड पर किया गया। जिला पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी, प्रशिक्षित आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णन, उपविभागीय पुलिस अधिकारी डॉ. अर्जुन भोसले, विक्रांत गायकवाड़, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शक्तिसागर ढोले और ड्रोन आइडिया फोरम के एजीएम आशीष माथुर उपस्थित थे।

 

श्री विट्ठल-रुक्मिणी के दर्शन के लिए हर साल एक करोड़ से अधिक भक्त पंढरपुर आते हैं। आषाढ़ी यात्रा के दौरान, कई दिंड्या अपने गणमान्य व्यक्तियों के साथ पैदल ही पंढरपुर आते हैं। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को सुरक्षित एवं सुगम दर्शन की सुविधा मिले तथा कहीं भी कोई अप्रिय घटना न घटे। प्रशासन इसके लिए एक महीने पहले से तैयारी करता है। अब वार्षिक समारोह में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ए.आई. तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।  जिला कलेक्टर कुमार अर्शिवाद और जिला पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी के मार्गदर्शन में इस माध्यम से सुरक्षित भीड़ प्रबंधन की अवधारणा को लागू किया जाएगा।  यह तकनीक भीड़ की मात्रा और भीड़ के घनत्व को मापने में सक्षम होगी। चेहरे की पहचान के माध्यम से, खोए हुए या मदद की जरूरत वाले लोगों के बारे में जानकारी तथा उनकी गतिविधियों का विश्लेषण करके वस्तुओं को ढूंढा जा सकता है। अनुविभागीय पुलिस अधिकारी डॉ. ने बताया कि भीड़ का घनत्व बढ़ने पर तत्काल सूचना प्राप्त होगी तथा उस स्थान पर सुरक्षा उपाय लागू किए जा सकेंगे। अर्जुन भोसले द्वारा दिया गया।

 पिछले एक साल से जिला कलेक्टर कुमार आशीर्वाद के मार्गदर्शन में प्रशासन के अधिकारी वारी अवधि के दौरान भीड़ को प्रबंधित करने के लिए एआई तकनीक के उपयोग पर शोध कर रहे हैं। यह परीक्षण आज आयोजित किया गया।   जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शक्तिसागर ढोले ने कहा कि एआई तकनीक के माध्यम से सुरक्षित भीड़ प्रबंधन की अवधारणा को लागू किया जाएगा और एआई तकनीक की मदद से भीड़ को मापना और प्रबंधित करना आसान हो जाएगा।